मंगलवार, 8 मार्च 2016

स्पृहा सिंह - "सुरक्षा क्षेत्र में महिला" गीत

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ' सुरक्षा क्षेत्र में महिला' विषय पर एक गीत रचना-------

रोक नहीं मुझको अब मैया , मुझे फ़ौज में जाने दे
इस बेटी को नाम गगन में , मैया तू चमकाने दे

आज देश की बेटी मैया , सभी क्षेत्र में आगे हैं
जिम्मेवारी से ये अपनी , नहीं कभी भी भागे है
बेटी फौजी बन भारत में , आज कमीशन पाती है
अपने बलबूते पर वह फिर , अफसर भी बन जाती है
मुझको सेना में अफसर बन , जौहर तू दिखलाने दे
रोक नहीं मुझको ---

आज सुरक्षा का भी जिम्मा , इसने हाथ लिया अपने
मत पूछो कितनी बेटी जो , सच करती अपने सपने
राज्य पुलिस या केंद्र पुलिस में , लाखों बेटी जाती हैं
अपराधी काँपे थर थर जब , रोद्र रूप दिखलाती हैं
इस अबला को सबला बनकर ,चण्डी रूप दिखाने दे
रोक नहीं मुझको -----

क्या मैया तू ये चाहेगी , बुजदिल हो तेरी बेटी
या फिर मुझको ये बोलेगी , मर मर कर तू जी बेटी
जब अफसर बन जाऊंगी तो , लोग कहे तेरी बेटी
पापा भी दुनिया से बोले , देखो वो मेरी बेटी
देख किरन बेदी के जैसे , मुझको नाम कमाने दे
रोक नही मुझको -----

    स्पृहा सिंह पुत्री मनोज मानव,कक्षा --9
                बागपत,उत्तर प्रदेश

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